मोबाइल, चाय, साबुन, ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर की देशी कंपनियां कारोबार के बारे में नए सिरे से सोच रही है
अमेरिका में 40% लोगों ने चीन के उत्पाद से तौबा की, भारतीय भी स्वदेशी के लिए आगे आएंगे
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BAN CHINESE PRODUCTS |
स्वदेशी उत्पाद खरीदने में 'लोकल के लिए वोकल' बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद स्वदेशी कंपनियों में लोकल ब्रांड के लिए नई स्फूर्ति देखी जा रही है। स्थानीय उत्पादों की बढ़ती मांग के मद्देनजर कई कंपनियों ने अगले वित्त वर्ष से विस्तार की योजना भी बनाई गई है। साथ ही यह उम्मीद भी जताई है की लोकडाउन ख़त्म होने के कंपनियों की स्तिथि तेजी से ठीक होगी। मोबाइल हैंडसेट, चाय, साबुन, ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर की कम्पनिया अपने कारोबार नए सिरे से सोच रही है और उसी के अनुसार अपनी योजनाएं बनाने में जुट गई है। ऐसा केवल देश में ही नहीं, अमेरिका में भी हो रहा है
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इस सिलसिले में पतंजलि आयुर्वेद के स्वामी रामदेव कहते है खाद्य तेलों से लेकर फ़ूड प्रोडक्ट व एफएमसीजी में करोड़ रुपये तक की करने की भूमिका के लिए पतंजलि प्रतिबद्ध है। उनके मुताबिक इससे 10 से 20 करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। वही, घड़ी डिटर्जेंट बनाने वाली कंपनी आरएसपीएल के ज्वाइंट एमडी राहुल ज्ञानचंदानी कहते है देश की अर्थव्यवस्था तभी पुनर्जीवित होगी, जब हम देशी कंपनियों को सपोर्ट करेंगे। हमारे 20 प्लांट है, खपत लगातार बढ़ रही है। जरुरत हुई तो हम एक और प्लांट लगाएंगे। इधर,कई कंपनियों ने अपनी ब्रांडिंग की योजना भी बनाई है।
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सपोर्ट स्वेदेशी प्रोडक्ट्स |
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वाघ बकरी टी ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्राग देशाई ने कहा की हमारी चाय 40 देशों में बिकती है। हम और परचार करेंगें की लोकल कंपनी होने के बाद भी हम आगे कैसे बढ़े। प्रधानमंत्री के अपील के बाद उम्मीद है की हमारे उत्पाद की भी डिमांड बढ़ेगी। अभी स्टॉक की चाय ही बिक रही है, लेकिन बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए एक साल बाद हम नया प्लांट लगाएंगे। वही, एक बढ़ी ऑटो मोबाइल कमपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा की पीएम की अपील और लेबर रिफॉर्म्स के साथ ही अन्य निर्णयों के जमीन पर उतरने क बाद भारतीयों कंपनियों को न सिर्फ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी बल्कि वे ग्लोबल भी बनेगी।
इधर,
ब्लूमबर्ग की हालिया सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 40%
अमेरिकियों ने कहा की उन्हें चीन के बने उत्पाद नहीं चाहिए जबकि 22% अमेरिकियों ने भारत में बने उत्पादों को भविष्य में खरीदने से मना किया है। ऐसे में
भारतीय भी
स्वदेशी उत्पाद खरीदने के लिए आगे आ सकते है।
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प्रोडक्ट और सर्विस विश्वस्तरीय देने से ही मुकाबला होगा
विश्व की पांचवी सबसे बढ़ी फीचर फ़ोन बनाने वाली कंपनी लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन और एमडी हरिओम राय कहते है की कोई भी देश जो बड़ा बना है, वो सिर्फ इसलिए बड़ा हुआ है क्योंकि उनकी कंपनी बड़ी बानी है। कंपनियों को अपने प्रोडक्ट और सर्विस को विश्वस्तरीय करना पड़ेगा, तभी हम मल्टी नेशनल कंपनियों से मुकाबला कर पाएंगे। 19-20 का थोड़ा - बहुत फर्क होगा लोग स्थानीय प्रोडक्ट को ही पसंद करेंगे लेकिन यही अंतर 17-25 का होगा तो फिर स्थानीय होते हुए भी उत्पाद नहीं बिक सकेगा। नई पॉलिसी आने के बाद हम चीन से पूरा प्रोडक्ट शिफ्ट कर रहे है और भारत में ही आर एंड डी सेंटर सहित डिजाइन और निर्माण का काम भी यही कर रहे है।
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