अलीबाबा, मिराय एसेट और सीडीसी ने भारतीय स्टार्टअप बिग बास्केट में 1,000 करोड़ रूपए इन्वेस्ट किए
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हरी मेनन, संस्थापक, बिग बास्केट |
दो भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गई हैं। यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहा जाता है जिनकी वैल्यू कम से कम 100 करोड़ डॉलर ( 7 हजार करोड़ रुपए ) हो। सोमवार को डेल्हीवरी ने 2,900 करोड़ रूपए जुटाने की घोषणा की थी। इसमें कंपनी की वैल्युएशन करीब 10,500 करोड़ रूपए आंकी गई थी। शुक्रवार को ऑनलाइन ऑर्डर लेकर किराना सामान डिलीवर करने वाली बिग बास्केट में 15 करोड़ डॉलर ( 1 हजार करोड़ रूपए ) इन्वेस्टमेंट की खबर आई। इसमें उसकी वैल्यू 228 करोड़ डॉलर ( 16 हजार करोड़ रूपए ) आंकी गई है।
नए राउंड में चाइनीज कंपनी अलीबाबा, दक्षिण कोरिया की मिराय एसेट और ब्रिटिश सरकार से संबंधित सीडीसी ग्रुप ने पैसा लगाया है। अलीबाबा पहले भी इसमें निवेश कर चुकी है। मिराय एसेट ने 6 करोड़ डॉलर ( 415 करोड़ रूपए ), अलीबाबा ने 5 करोड़ डॉलर ( 346 करोड़ रूपए ) और सीडीसी ने 4 करोड़ डॉलर ( 276 करोड़ रूपए ) लगाए हैं। कंपनी हेलियन वेंचर्स पार्टनर्स, बेसेमर वेंचर पार्टनर्स और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्प को भी अपना निवेशक बताती है। इसी महीने ऑनलाइन किराना डिलीवरी कंपनी ग्रोफर्स में सॉफ्टबैंक ने 60 करोड़ डॉलर ( 415 करोड़ रूपए ) लगाए थे।
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बिग बास्केट |
लगातार निवेश से साल भर में बिग बास्केट की वैल्यू 140% बड़ी
- हरी मेनन, वीएस सुधाकर, विपुर पारेख, अभिनय चौधरी और वीएस रमेश ने मिलकर 2011 में कंपनी शुरू की।
- बिग बास्केट देश के 32 शहरों में किराना सामान डिलीवर करता है। इस सेगमेंट में यह भारत की सबसे बड़ी कंपनी है।
- पिछले साल कंपनी ने सेल्स में 2000 करोड़ रूपए का आकंड़ा छुआ। 2019 में इसका लक्ष्य 35 हजार करोड़ रूपए का था।
- फरवरी 2018 में फंडिंग के दौरान बिग बास्केट कीमत 6,600 करोड़ रूपए आंकी गई थी। साल भर में वैल्यूएशन 140% बढ़ी है।
बिग बास्केट एड बाई शाहरुख़ खान
- 18,000 करोड़ रूपए का हो सकता है इस साल भारत का ऑनलाइन किराना बाजार।
- 65-70% सालाना ग्रोथ रहेगा इस सेगमेंट में 2018-2021 के दौरान, क्रिसिल के अनुसार।
- 30-33% सलाना की दर से बढ़ रही है भारत की पूरी रिटेल इंडस्ट्री।
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दुनियाभर के रईस देश के फूड और किराना बाजार में निवेश कर रहें हैं। |
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