वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने जारी किया पहला ग्लोबल मेन्युफेक्चरिंग इंडेक्स
 |
वर्ल्ड इकनोमी |
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत को भले ही 100वीं रैंकिंग मिली हो, मेन्युफेक्चरिंग में यह काफी बेहतर स्तिथि में है। वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने अपने पहले ग्लोबल मेन्युफेक्चरिंग इंडेक्स में भारत को 30वें स्थान पर रखा है। 100 देशों की सूचि में जापान शीर्ष पर है। भारत अपने पड़ोसी देशों से आगे तो है ही, ब्रिक्स देशों के समूह में भी चीन को छोड़ बाकी सभी देश इससे पीछे हैं। चीन 5वें और अमेरिका 7वें नंबर पर है।
 |
इंडियन इकोनोमी |
कनाडा, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे औधोगिक देश भी इस मामले में भारत से निचे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बनी वस्तुओं की दुनियाभर में मांग बढ़ रही है। फोरम ने यह रैंकिंग भविष्य में प्रोडक्शन की तयारी के आधार पर की है। इसमें इस बात का विश्लेषण किया गया है कि देश इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स को अपनाने के लिए कितने तैयार हैं?
 |
औधोगिक फैक्ट्री |
रिपोर्ट में
मेक इन इंडिया का भी जिक्र किया गया है। इससे भारत ग्लोबल मेन्युफेक्चरिंग हब बनाने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कुछ चुनौतियां भी बताई गई हैं। स्किल्ड मैनपावर की कमी इनमे सबसे अहम है। इसमें कहा गया है कि युवा और लगातार बढ़ती लेबर फोर्स की स्किल बढ़ाने की जरुरत है। इसके लिए पाठ्यक्रम को अपग्रेड करना, व्यावसायिक शिक्षा को बेहतर बनाना और डिजिटल स्किल में सुधर करना पड़ेगा।
 |
स्किल्ड मैनपावर |
नई तकनीक अपनाने में 12वें स्थान पर है भारत
 |
नई तकनीक अपनाने में 12वें स्थान पर है भारत |
भारत में 2016 में मेन्युफेक्चरिंग की वैल्यू 27 लाख करोड़ रूपए थी। बीते तीन दशकों में मेन्युफेक्चरिंग औसतन 7% सालाना की रफ्तार से बढ़ी है। जीडीपी में इसका योगदान 16-20% है। रिपोर्ट में वेंचर कैपिटल निवेश में भारत को 8वें और नई तकनीक अपनाने के मामले में 12वें स्थान पर रखा गया है। लेकिन लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी में रैंकिंग 90 और रेगुलेटरी मामलों में 96 है।
कमेंट, शेयर और फॉलो करे.
0 comments:
Post a Comment