टेक वेबसाइट का दावा, सर्च इंजन के लिए एपल बड़ी संख्या में इंजिनियर भर्ती रहा है।
कंपनी ने अधिकृत घोषणा नहीं की पर सीईओ संकेत दे चुके हैं
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एपल कंपनी कैंपस |
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एपल सर्च बार |
एपल सीईओ टीम कुक 23 जून को वर्ल्ड वाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस में यह कहकर संकेत दे चुके थे की अब एपल अपने ही सिलिकॉन चिप पर काम करेगी। दरअसल, गूगल एपल को हर साल आईफोन, आईपैड ा मैक ओएस में डिफॉल्ट सर्च इंजन गूगल को रखने के लिए करोड़ों रूपए देती है। रिपोर्ट के मुताबिक यह डिल खत्म हो सकती है। यूके कम्पटीशन एंड मार्केट अथॉरिटी एपल और गूगल के सर्च इंजन की इस डिल को लेकर कड़ा रुख अपना सकती है।
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सर्च इंजन में एकाधिकार रखने वाले गूगल को टक्कर देने के लिए अब एपल भी अपना सर्च इंजन लॉन्च करने की तयारी में है। |
रिपोर्ट के मुताबिक एपल का मार्केट शेयर दुनियाभर में काफी अधिक है, ऐसे में अथॉरिटी मानती है कि गूगल सर्च डिफाल्ट होने की वजह से दूसरे सर्च इंजन को मोबाइल में आने का अवसर ही नहीं मिलता है। इसलिए एपल अपने सर्च इंजन पर काम कर रही है। याहू और बिंग भी सर्च इंजन की सेवा देते हैं, लेकिन गूगल के आगे यह दोनों कंपनियां फेल हैं। ऐसे में अगर एपल अपना सर्च इंजन लाता है, तो गूगल को सीधी चुनौती मिलेगी, क्योंकि एपल के दुनिया भर में बने - बनाए ग्राहक पहले से ही तैयार है
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अपना सर्च इंजन लाता है, तो गूगल को सीधी चुनौती मिलेगी, |
शुरुआती दौर में जॉब और स्पॉटलाइट के ही सर्च मिल सकेगा
कोयवोल्फ की रिपोर्ट के मुताबिक शुरूआती तौर पर एपल के सर्च इंजन में जॉब और स्पॉटलाइट का सर्च मिलेगा। सर्च इंजन फोन में गूगल असिस्टेंट की तरह काम करेगा, हालांकी यह पूरी तरह से प्राइवेट होगा। आपको आईओएस कॉन्टेक्ट्स, डॉक्यूमेंट, ईमेल, इवेंट्स, फाइल, मैसेज, नोट आदि के आधार पर मिलेगा। रिपोर्ट में दवा किया गया है कि आईओएस 14 और आईपैडओएस 14 बीटा वर्जन में कंपनी ने गूगल सर्च को बायपास किया है। इसके अलावा एपलबोट को भी हाल ही में अपडेट किया गया है। बता दें की एपलबोट कंपनी की ही क्रॉलिंग साइट है।
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