![]() |
प्रजेंटेशन को कमजोर बनाती हैं ये तीन बातें |
सॉरी! मैं काफी थका हुआ हूं
यदि कोई प्रजेंटर शुरुआत में ही थकान की बात करता है, तो ऑडियंस को लगता है की उन्होंने अपना समय व्यर्थ गवां दिया। वे सोच सकते हैं की किसी मज़बूरी के चलते आप प्रजेंटेशन दे रहे हैं, क्योंकि आप पहले ही कह रहे हैं की आपका प्रदर्शन खराब होनेवाला है। बेहतर होगा की आप विनम्रता के साथ अपने प्रजेंटेशन को केंसल कर दें और कोई अन्य समय निश्चित कर लें।
![]() |
सॉरी! मैं काफी थका हुआ हूं |
पूरी तयारी न हो सकी
कमजोर तैयारी के बात से आप शुरुआत में ही ऑडियंस की उम्मीदों को तो काम करते ही हैं, साथ ही यह भी दिखते है की आप अपने काम का सम्मान नहीं करते। किसी भी प्रजेंटेशन से पहले जरुरी बातों को और महत्वपूर्ण मैसेज को नोट कर लें। शुरुआत व अंत में अपनी बात और उदेशय को मजबूती से रखें। ध्यान रखें ऑडियंस का अधिकतम अटेंशन शुरू या अंत में ही होता है।
![]() |
ऑडियंस का ध्यान आपके कंटेंट और मैसेज पर होना चाहिए। |
स्लाइड में कुछ गलती रह गई
प्रजेंटेशन से जुड़ी विभिन्न तकनीकी बातों का आवश्यक रूप से ख्याल रखें। खासतौर पर स्लाइड्स की स्पैलिंग्स चैक कर लें और उन्हें क्रॉसचेक कर लें। इसके अतिरिक्त सबसे पहले अपनी प्रजेंटेशन की रिहर्सल कर लें, ताकि समय रहते गलतियों को पकड़ा और सुधारा जा सके। इसके बावजूद भी अगर जोई गलती रह जाए, तो प्रजेंटेशन के दौरान उसका जिक्र तक न करें जब तक की वह कोई बड़ी गलती न हो। ऑडियंस का ध्यान आपके कंटेंट और मैसेज पर होना चाहिए।
कमेंट, फॉलो और शेयर करें।
0 comments:
Post a Comment