संपत्ति बनाने की राह में आशंकाओं के रोड़ो को दूर के लिए रेरा बनाया गया है। आपकी मेहनत की कमाई जाया न जाए इसका ख्याल रेरा कैसे रखता है, जानिए
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रेरा से दूर होंगे घर के सपनो के रोड़े |
अपने घर का सपना सभी का होता है। घर की बुकिंग कराने के लिए जीवन भर की जमापूंजी लगा देते है। पर कई बार पैसे चुकाने के बावजूद इस सपने को पूरा करने में बरसों लग जाते हैं। कभी घर बनाने में समय लगता है तो कभी इससे जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रेरा में शिकायत कर अपना हक पा सकते हैं।
इसकी जरुरत क्यों पड़ी?
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इसकी जरुरत क्यों पड़ी? |
बिल्डर घर बनाकर खरीदार को सौपने में देरी करते थे। ग्राहकों को घर मिलने के बाद गुणवत्ता वैसी नहीं होती थी जैसी की उन्हें बताई गई होती थी। अवैध लेन-देन और सीधे उपभोक्ता को प्रभावित करने वाले कई अन्य मुद्दों पर शिकायत का कोई जरिया भी नहीं था। ऐसे में रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट ( रेरा ) आया जिसे घर खरीदने वालों के हितों की रक्षा के लिए 2016 में पेश किया गया था।
झूठे वादों से सुरक्षा
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झूठे वादों से सुरक्षा |
कई बार घर खरीदते समय बिल्डर ग्राहकों से वादे करके मुकर जाते थे। पर अब ऐसा नहीं है। यदि ग्राहकों को लगता है की उनसे किया गया वादा पूरा नहीं किया गया है तो वे इसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। ऐसी स्तिथि में बिल्डर के पास जमा की गई पूरी रकम ग्रहकों को वापस मिल सकती है। यदि बिल्डर पैसे वापस करने में देरी करता है तो उसे ब्याज के साथ पैसे वापस लौटाने होंगे। यदि पजेशन के 5 साल भीतर मकान टूट-फुट होती है तो बिल्डर को बिना कोई पैसा लिए 30 दिन के भीतर मरम्मत करानि होगी।
समय पर मिलेगा घर
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समय पर मिलेगा घर |
घर में निवेश करने के बाद वादों के अनुसार ग्राहकों को उनका घर काफी सालों बाद मिलता था। कुछ मामलों में कई ग्राहकों को उनका घर मिला ही नहीं। रेरा लागू होने के बाद अब अगर प्रोजेक्ट में देरी हो रहि है तो बिल्डर को ईएमआई के ब्याज का कुछ हिस्सा निवेशक को देना होगा।
एग्रीमेंट से निवेश
घर के बुकिंग के समय बिल्डरों को निवेशकके के साथ पंजीकृत एंग्रीमेंट करना अनिवार्य है। इस लिखित समझौते में बिल्डर को सभी शर्ते शामिल करना है। नियम के मुताबिक अनुबंध पंजीकृत होने के बाद बिल्डर उसमे मनमाने तरीके से बदलाव नहीं कर सकता। यदि योजना में कोई बदलाव करना चाहता है तो इसके लिए पहले लिखित मंजूरी लेनी होगी। रेरा के नियमों को उल्लंघन करने वालो को अधिकतम तीन साल तक की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है।
ये जानकारियां शामिल होंगी
जानकारी योजनाओं के साथ-साथ चल रही योजनाएं भी शामिल किया गया है। डेवेलपर्स को सारी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी जैसे मकान की वास्तविक योजना, निर्माण की गुणवत्ता, बाद में किये गए बदलाव, कुल जमा धन, पैसे कितना इस्तेमाल हुआ, प्रोजेक्ट पूरा होने की वास्तविक तारीख, पजेशन और सौपने की तारीख आदि।
खरीदने से पहले जानकारी लें
किसी भी फ्लैट या मकान में निवेश करने से पहले ऑनलाइन जानकारी लें। रेरा की वेबसाइट पर जाकर प्रॉपर्टी की जानकारी निकल सकते हैं। इससे प्रॉपर्टी का पंजीकरण व अन्य जानकारियां मिल सकती हैं। हर राज्य की अलग-अलग वेबसाइट्स हैं, जहां प्रॉपर्टी के पंजीकरण व प्रॉपर्टी से जुड़ी जानकारियां ले सकते हैं।
ऐसे करें शिकायत
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ऐसे करें शिकायत |
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी या निर्णायक के पास शिकायत दर्ज कराइ जा सकती है। वहीं ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए पहले राज्य की वेबसाइट पर साइनअप करें। होम पेज पर कंप्लेंट विकल्प चुनें। रजिस्टर कंप्लेंट में जाकर पूरी जानकारी भरें। यदि किसी बिल्डर के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं तो तो उसकी और अपनी जानकारी भरें। संपत्ति संबंधित कागजात स्कैन कर अपलोड करें। इसके बादआपको कुछ राशि भुगतान करनी होगी। कंप्लेंट नंबर मिलेगा जिसे कागजात के साथ मिलाकर तीन से पांच कॉपियां तैयार करनी होगीं। एक कॉपी रेरा को, एक बिल्डर को देनी होगी और एक अपने पास रखनी होगी। फिर कंप्लेंट विकल्प में ही कंप्लेंट नंबर डालकर अपनी शिकायत का स्टेटस जाँच सकते हैं।
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