जिंदगी में अधिकांश लोग प्रतिभा की कमी के कारण असफल नहीं होते, प्रयास की कमी से होते हैं। तीन प्रमुख भय हैं जो हमें कदम उठाने से रोकते हैं। अतः सबसे पहले अपने अंदर इन भयों की पहचान कीजिए
हम सब पंखों के साथ पैदा हुए हैं, लेकिन अपने - अपने भय की वजह से जीवन में घिसटने का निर्णय लेते हैं। भय स्वाभाविक है, लेकिन उसकी वजह से रुक जाना या सपनो को मार देना गलत है। बड़े कलाकारों को बड़े प्रदर्शन के पहले, बड़े खिलाडियों को महत्वपूर्ण मुकाबलों के पहले भय होता है। लेकिन सब अचीवर अपने भय को हराकर विजय पाते हैं, इसलिए आप भी अपने भय को पहचानकर उससे जीतिए।
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पहले कदम का भय |
खुद के हिन होने का भय
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खुद के हिन होने का भय |
जो कमजोर कहानियां आप खुद सुनाते हैं उन पर धीरे - धीरे आपका दिमाग विश्वास करने लगता है। आज से खुद से सकारात्मक बातें शुरू कीजिए। अकेले में खुद से कहिए की मैं कुछ बड़ा करने के लिए आया हूं। मैं जो भी काम करूंगा वो पूरा करके ही दम लूंगा। में जब किसी मंजिल को पाने के लिए निकलता हूं तो पाकर ही लौटता हूं। अपने अवचेतन मस्तिष्क को वो सेल्फ टॉक बार - बार सुनाइए, ताकि वो कहानियां उसके अंदर दर्ज हों। यदि कमजोर कहानियों की वजह से शुरू ही नहीं किया तो सफलता का 1 प्रतिशत मौका भी आपने खो दिया।
क्या कहेंगे लोग, यह है सबसे बड़ा मानसिक रोग। मैं अक्सर कहता हुं की लोग तो रंग बदलते हैं। जब आप असफल होंगे तो वो कहेंगे की हम तो जानते थे, क्यूंकि आप में दम वाली बात नहीं थी और पूरी मेहनत नहीं की .जब आप सफल हो जाएंगे तो वही लोग राय बदलकर कहेंगे की हम तो पहले से जानते थे ये सफल ही होगा। लोग परिणाम के पीछे चलते हैं। लोगों को उत्तर देने का सबसे अच्छा तरीका है सफल होना।
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लोगों को उत्तर देने का सबसे अच्छा तरीका है सफल होना। |
साथियो, इन तीन भय को आपको भी हराना है। हो सकता है ऊपर वाले ने आपको बहुत बड़ी मंजिल हासिल करने के लिए भेजा है, हो सकता है की आपके अंदर कोई ऐसी प्रतिभा हो जो आज तक बाहर नहीं आई है, हो सकता है की आप कुछ ऐसा कर जाएं की देश और समाज आपको याद करे और आपकी तरह बनना चाहे। यदि आप प्रयास ही नहीं करेंगे तो इनमे से कोई भी संभावना कभी सच नहीं हो पाएगी।
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